“सावन” का महीना प्रारम्भ हो गया है। पुराने समय मे “सावन” को लेकर एक फिल्मी गीत काफ़ी लोकप्रिय हुआ था, जो यह था।
“सावन का महीना
पवन करे शोर
जियरा है ऐसे घड़के
जैसे वन में नाचे मोर”।
आज यह गीत सावन की आज की अयोध्या की दुर्दशा के संदर्भ में गीतकार लिखता तो शायद कुछ इस प्रकार होता।
“”सावन का महीना,
राम पथ करे शोर,
जियरा रे ऐसे फड़के,
फ्रैक्चर न हो जाय मोर।
सावन का महीना
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“”खोद दीन नाला गहरा,
बिचवा में सीवर लाइन,
मकान की नींव दरके,
कीचड़ ही कीचड़अपार”‘”।
सावन का महीना
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“”राम की नगरी के,
राम पथ का है यह हाल,
पानी बिजली की लाइन कटी,
और चलना है बेहाल”।।
जिस दौर का यह गाना है उसी दौर की अपनी फोटो भी मैं आपसे साझा कर रहा हूं